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घरेलू पौधों की देखभाल

हर इंसान चाहे पौधे लगाए या नहीं लगाए हरियाली को पसंद जरूर करता है। घर छोटा हो, बड़ा हो, अपार्टमेंट हो या फ्लेट, हर इंसान अपने पास कुछ पौधों की उपस्थिति चाहता है। ऐसे में अगर बागवानी का शौक है तो सोने पर सुहागा, फिर तो आप किसी भी तरीके से घर के अदंर, घर के बाहर, सीढ़ियों पर या खिड़की में उसको उसे लगा ही लेंगे।

घर में एक छोटी बगिया होना बहुत जरुरी होता है, उन मुस्कुराते पौधों को देखना, उनसे बाते करना और उनकी देखभाल करना बहुत सकून देता है। जब थके हारे घर आये तो स्वागत यही मुस्कुराते पौधे करते है तो अच्छा लगता है और हरियाली देख कर मन प्रसन्न हो जाता है।

घर छोटा हो, छत नहीं हो, खुली जगह नहीं हो तब भी घर के अदंर, या सीढ़ियों पर या अपनी बालकनी और खिड़की में गमलों में पौधे लगाए जा सकते है और ये कोई मुश्किल काम नहीं है। अगर आपने शुरुआत की है तो ये जानकारी आपके लिए बहुत उपयोगी सिद्ध होगी।

सबसे पहली बात है पौधों का चयन इस प्रकार होना चाहिए की जिनकी देख रेख करना आसान हो। आसान देखभाल वाले पौधों को गमले में लगाना उचित है। लेकिन कितना ही आसान हो पौधा लगाना कुछ बातो का ध्यान हमेशा रखना चाहिए।

1. गमले का आकर : बहुत सी बार हम पौधा लगा देते है जो भी छोटा गमला या अन्य कंटेनर उपलब्ध हो लेकिन थोड़े समय के बाद जब पौधा बड़ा होने लगता है जड़ो को फैलने की जगह नहीं मिलती है ऐसे में या तो पौधे की बढ़वार रुक जायेगी या दवाब से गमला टूट जाएगा। ऐसे में बढ़वार के अनुसार गमला लेना आवश्यक होता है पौधे की बढ़वार के अनुसार ही गमला लीजिये।

2. धूप : घुप की जरुरत प्रत्येक पौधे के लिए अलग अलग प्रकार की होती है। आप अपने घर में आने वाली धुप के या गमला रखे जाने वाले स्थान पर आने वाली धुप को ध्यान में रखकर पौधों का चयन करें। अगर आपने कोई ऐसा पौधा ले लिया जिसको तेज धुप चाहिए और आपने उसे छायां में या किसी छायां चाहने वाले पौधे को धुप में रख दिया तो बढ़वार काम होगी और पौधे मर भी सकते है। ऐसे में जब भी पौधा खरीदे तो बेचने वाले से ये जरूर पूछ लेना चाहिए की इसे कितनी धुप चाहिए या क्या ये पूरी तरह छायां में चलेगा।

3. पानी की जरुरत : प्रत्येक पौधे की जल मांग अलग अलग प्रकार की होती है। जैसे केक्टस, अडेनियम को बहुत अधिक पानी की जरुरत नहीं होती है वहीँ कुछ पौधों को नियमित पानी नहीं मिले तो पौधे मुरझा जाते है। वही काम पानी वाले पौधों को अगर आपने बहुत अधिक पानी दे दिया तो आपके पौधे सड़ जाएंगे। इस लिए जो भी पौधा ख़रीदे उसकी पानी की जरुरत के बारे में भी जानकारी लेनी चाहिए।

4. पोषण : पौधों की अच्छी बढ़वार और फूल - फल के लिए पोषक तत्वों की जरुरत पड़ती है। इसकी पूर्ति के लिए आप कम्पोस्ट, वर्मीकम्पोस्ट, आयल केक का प्रयोग कर सकते है। पौधे की जरुरत के अनुसार आपको पोषण करना चाहिए केक्टस जैसे पौधे में पोषण काम चाहिए वहीँ सजावटी पत्तेदार पौधों की पोषण जरुरत अधिक होती है। आजकल बाजार में पानी में घुलने वाले उर्वरक मौजूद है जिन्हे आप पानी में घोल कर सिंचाई या स्प्रे के माध्यम से दे सकते है।

5. कटिंग एवं साफ सफाई : बे तरतीब निकली हुई शाखाओं को काट कर निकाले। पीली और ख़राब पत्तियों को नियमित रूप से हटते रहना चाहिए। गुलाब जैसे पौधों में सुसुप्तावस्था में कटाई करनी चाहिए। पाटियों पर लगी हुई धुप प्रकाश संश्लेषण को कम करती है इसलिए नियमित रूप से आप उन्हें सूखे कपडे से या पानी का छिड़काव करके साफ कर सकते है।

6. कीट एवं बीमारियां : पर्याप्त सावधानी रखने के बाद भी आपके गमले कीट एवं बिमारी से ग्रस्त हो सकते है।  नियमित रूप से आप निरिक्षण करते है तो अधिक चिंता की जरुरत नहीं है आपको बहुत पहले ही पता चल जाएगा और आप समय पर इसका नियंत्रण कर पाएंगे। अधिकांश तया फफूंद जन्य रोग वर्षा काल में अधिक परेशां करते है जब वातावरण में नमी बहुत होती है। यदा कदा पट्टी खाने वाली इल्ली या मिली बग का प्रकोप हो सकता है जिसका नियंत्रण आसानी से किया जा सकता है।

Photo : श्री सुभाष चौधरी के कोरा पर दिए उत्तर से

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